पुरे जीवन हम अन्वेषण में कि कौन पंथ सही कौन गलत है कौन गुरू सच्चा सिद्ध है कितनी भीड़ है गुरूओं के यहाँ, क्या बड़े बड़े लोग उनके शिष्य है, यही झुठा प्रमाण पर आपका चुनाव है तो आप कभी भी सही अध्यात्म को समझ ही न पाए, क्यों ऐसा होता है कारण राम के चरित्र, अनुशासन, कृष्ण का राधा प्रेमरस का हमारे जीवन में कमी है।